“व्यवस्थापकों द्वारा अभी भी फेस रिकग्निशन के उपयोग को नियंत्रित करने वाले नियमों का सेट बनाने की प्रक्रिया जारी है। Facebook में अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artificial intelligence) वाईस प्रेजिडेंट के पद पर मौजूद, जेरोम पेसेंटी (Jerome Pesenti) का कहना है कि, “फिलहाल जो इस समय एक संदेह या अनश्चितता की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में हम मानते हैं कि facial recognition का इस्तेमाल सीमित हो जाना ही उचित निर्णय है।” ये पढ़ें: भारत में 7,000 रूपए में उपलब्ध बेस्ट बजट स्मार्टफोन पिछले कुछ समय में तकनीकी जगत में नयी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने पर और उससे सम्बंधित आपने कितनी नैतिकता का ध्यान रखा है, इस पर प्रश्न उठ ही जाते हैं। इसी के चलते और उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी को ध्यान में रखते हुए, ये फैसला आया है। बताया जा रहा है कि इस समय बेहद प्रचलित टेक्नोलॉजी फेशियल रिकग्निशन, जिसे बाज़ारों, अस्पतालों और भी कई व्यवसायों में इस्तेमाल किया जाता है, प्राइवेसी के साथ समझौता कर सकती है। IBM जैसी कंपनियों ने पूरी तरह से फेशियल रिकग्निशन प्रोडक्ट से सम्बंधित उत्पादों की बिक्री रोक दी है। साथ ही ये घोषणा ऐसे समय में हुई जब Facebook पर भी व्यवस्थापकों द्वारा सुरक्षा और इस प्लेटफार्म का दुरूपयोग किये जाने से सम्बंधित कई आरोप लगे।
वैसे ये कंपनी लगातार सुर्खियों में बानी ही हुई है, पहले आलोचनाओं को लेकर, फिर अपना नाम बदलकर Meta रखना और अब ये फेस रिकग्निशन का फ़ीचर हटाने की घोषणा। इस सिस्टम को हटाने का कार्य जल्दी शुरू होकर दिसंबर तक ख़त्म किये जाने का उद्देश्य है।

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